Sunday, 19 February 2017

Dosti Shayari Meri Har Baat




मेरी हर बात समझ जातें हो तुम
फिर भी क्युँ मुझे सताते हो तुम
तुम बिन कोई और नहीं मेरा
शायद इसी बात का फ़ायदा उठाते हो तुम

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