Friday, 10 March 2017

पिचकारी की आई बाजारों में बौछार


पिचकारी की आई बाजारों में बौछार
हर कोई मांगे अनोखी पिचाकारी हर बार
बच्चों को होता त्योहारों से प्यार
वही तो बनाते हैं त्योहारों को गुलजार

होली तो बस एक बहाना है



होली तो बस एक बहाना है
हमें साजन के करीब जो आना है
ऐसे रंग लगायेंगे सनम तुझे
ना भूल पाएंगी इस जनम मुझे

रंग बरसे ऐसे मेरे अंगना

रंग बरसे ऐसे मेरे अंगना
की यादें रंगीन हो गई
जब तक तू साथ था मेरे सनम
होली का रंग चढ़ता था हर अंग-अंग

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