Sunday, 5 March 2017

Shero Shayari On Dosti

न जाने किस *रूप* मे आता हैं
हाथ पकड़ कर *पार* लगा देता है
मैं उसके सामने सिर *झुकाता* हूँ,
वो सबके के सामने मेरा सिर *उठाता* हैं
हिंदी शायरी अप्प

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